top of page

Gyan vigyan sangam

" पुरातन युग में ज्ञान-विज्ञान का संगम "

Gyan Vigyan Sangam Logo
Menu
Background
  • आधुनिक विज्ञान: चिकित्सा, संतुलित आहार और पोषण

  • योगदानकर्ता: एंटोनी लावोइसियर (पोषण एवं रसायन विज्ञान के जनक) 1743-1794

  • विवरण:"पोषण और रसायन विज्ञान के जनक", एंटोनी लावोइसियर ने उस वास्तविक प्रक्रिया की खोज की जिसके द्वारा भोजन का पाचन किया जाता है। उन्होंने यह भी प्रदर्शित किया कि जानवरों में गर्मी कहाँ से आती है।

  • अपने समीकरण में, वह शरीर में भोजन और ऑक्सीजन के संयोजन और उसके परिणामस्वरूप गर्मी और पानी के निकलने का वर्णन करते है।

  • समयावधि: 1743-1794

  • समय अवधि: छठी शताब्दी ईसा पूर्व

  • स्थान: भारतवर्ष 

  • साक्ष्य: चरक संहिता,

सूत्रस्थान, अध्याय 1, छंद 3-5

तस्याश्च यथोक्ताहारसमीपसमये रससमृद्धिशाली स्याद् योग्यो बृंहणादिकः ।

  • अर्थ: चरक संहिता के यह श्लोक निर्धारित आहार समय के निकट पोषक तत्वों में उचित वृद्धि के महत्व पर जोर देते हैं। "रससमृद्धिशाली" (पोषक तत्वों की प्रचुरता) और "योग्यो बृहणादिकः" (पोषण आदि के लिए उपयुक्त) जैसे शब्दों का उपयोग एक अच्छी तरह से संतुलित और पौष्टिक आहार की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

यदा च योग्यो बृंहणादिकः स्यात् स एव कुर्याद् योग्यसेवनोद्देशादि योग्याहारशयनादिष्वेव रहेत्।

  • अर्थ: यह श्लोक, पोषण की आवश्यकता होने पर उपयुक्त प्रथाओं में संलग्न होने की आवश्यकता पर जोर देता है। यह संतुलित और स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए उचित भोजन, नींद और अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह देता है।

योग्येनाहारेण बहुलेन च सती समीपसमयेऽपि प्रवृद्धिः करणीया योग्यसेवनोद्देशादिषु।

  • अर्थ: यह श्लोक सुझाव देता है कि प्रचुर मात्रा में भी, आहार, गतिविधियों और अन्य पहलुओं में उचित उपयोग के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार वृद्धि होनी चाहिए। संतुलन बनाए रखने और समग्र कल्याण के लिए उपयुक्त प्रथाओं का पालन करने पर जोर दिया गया है।

  • आधुनिक विज्ञान से संबंध: आधुनिक युग की हर्बल चिकित्सा, प्राचीन भारतीय विज्ञान की चिकित्सा पद्धति से, जो चरक संहिता में उल्लिखित आयुर्वेदिक सिद्धांत है, उनसे प्रेरणा लेती है।

  • प्राचीन विज्ञान: महर्षि चरक (पोषण और चिकित्सा विद्या के जनक, संतुलित आहार के प्रणेता)

  • निष्कर्ष: चरक संहिता, सूत्रस्थान, अध्याय 1, श्लोक 3-5 के इन छंदों में, संतुलित और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए आहार, पोषण और जीवन शैली के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों के पालन करने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह छंद उचित प्रथाओं के माध्यम से कल्याण बनाए रखने में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

आचार्य चरक सर्जरी करते हुए...

एंटोनी लावोइसियर

एंटोनी लावोइसियर

आचार्य चरक सर्जरी करते हुए...
चरक संहिता

चरक संहिता

स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्राचीन ज्ञान
आयुर्वेद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक: भारत के स्वास्थ्य सेवा विकास का संक्षिप्त इतिहास

आयुर्वेद से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक: भारत के स्वास्थ्य सेवा विकास का संक्षिप्त इतिहास

स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्राचीन ज्ञान

images.jpg
bottom of page