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" पुरातन युग में ज्ञान-विज्ञान का संगम "

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  • समयावधि: 1500-1200 ईसा पूर्व

  • स्थान: भारतवर्ष 

  • स्रोत: ऋग्वेद; विभिन्न पुराण

 

प्रमाण:

ऋग्वेद, मंडल 9, भजन 97, श्लोक 1:

"उडुम्बरः सुपर्णो विश्वरूपो हिरण्यपक्षः"

  • अर्थ: "सुंदर पंखों वाला सुनहरे पंखों वाला, विस्तृत और सर्वव्यापी उडुम्बरा (उड़ने वाला यंत्र)"

  • महर्षि भारद्वाज ने उड़ने वाली मशीनों की 3 श्रेणियाँ बताई हैं:

    • जो पृथ्वी पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक उड़ता है।

    • जो एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक यात्रा करता है।

    • जो एक ब्रह्माण्ड से दूसरे ब्रह्माण्ड तक यात्रा करता है।

  • निम्नलिखित प्रक्रियाओं का उनका विवरण वैमानिक क्षेत्र में उनकी प्रतिभा को और प्रदर्शित करता है:

  1. गहरा रहस्य: उड़ने वाली मशीन को अदृश्य करने के लिए हवा और धूप का उपयोग करने की विधि।

  2. लिविंग सीक्रेट: एक अदृश्य अंतरिक्ष मशीन को दृश्यमान बनाने के लिए विद्युत बल का उपयोग करने की विधि।

  3. सुनने की कला: किसी अन्य विमान पर हो रही चर्चा को कैसे सुनें।

  4. दृश्य रहस्य: अन्य विमानों के भीतर देखने और उनकी गतिविधियों का निरीक्षण करने की क्षमता।

 महर्षि भारद्वाज के ग्रंथ से श्लोक:

 यान्यांशौ सप्त प्रकृतिर्बुद्धिपूर्वांस्तु कुरु पुमान्।

आकाशे सूर्यमन्त्रस्थं संज्ञानं कुरुते यदा॥

अर्थ: इस श्लोक में महर्षि भारद्वाज ने बताया है कि विमान का निर्माण बुद्धि, प्रकृति और सूर्यमंत्र के सहारे किया जा सकता है। इससे व्यक्ति आकाश में संज्ञान कर सकता है।

विमानन प्रौद्योगिकी के जनक के रूप में, आचार्य भारद्वाज को उनके आविष्कारशील और रचनात्मक नवाचारों के लिए जाना जाता है।

  • आधुनिक विज्ञान संबंध: ऋग्वेद और विभिन्न पुराणों सहित प्राचीन विज्ञान ग्रंथों में विमानों की अवधारणा, उड़ान से संबंधित प्रारंभिक ज्ञान मौजूद है जिसने आधुनिक विज्ञान को प्रेरित किया है।

  • आविष्कारक: राइट ब्रधर्स

  • विवरण: 20वीं सदी की शुरुआत में राइट ब्रदर्स द्वारा शुरू की गई विमानन तकनीक ने पहली सफल संचालित, नियंत्रित और हवा से भारी उड़ान भरने वाली मशीन के आविष्कार के माध्यम से परिवहन में क्रांति ला दी।

  • समय अवधि: 20वीं सदी की शुरुआत

  • स्थान: यूनाइटेड स्टेट्स

राइट ब्रधर्स

निष्कर्ष: 20वीं सदी की शुरुआत में राइट ब्रदर्स द्वारा विमानन प्रौद्योगिकी के आगमन ने आधुनिक मानव परिवहन को आगे बढ़ाया। प्राचीन भारत में, ऋग्वेद और विभिन्न पुराणों जैसे ग्रंथों में विमानों की अवधारणा का वर्णन किया गया है, जो उन दिनों इस्तेमाल की जाने वाली उड़ान मशीनों के बारे में व्यावहारिक विचारों का सुझाव देते हैं। विमानों का आविष्कार 20वीं सदी से नही किन्तु अति पुरातन काल से अस्तित्व में है।

  • आधुनिक विज्ञान: विमानन प्रौद्योगिकी

'शकुन विमान' को आधुनिक विमान और रॉकेट के मिश्रण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

  • प्राचीन विज्ञान: प्राचीनकाल में विमान  

एलोरा गुफाओं में रावण द्वारा सीता के अपहरण की मूर्ति

रुक्म विमान
विमान और मंदिर के डिज़ाइन।
आधुनिक रॉकेटों की तुलना में गणेश रथ पर नक्काशी।
प्राचीन भारतीय उड़ने वाले वाहन।
अमेरिकी सैनिकों को अफगान गुफा में मिली 5000 साल पुरानी उड़ने वाली मशीन की तस्वीर
चेन्ना केशव मंदिर का विमान।
रुक्म, त्रिपुरा, सुंदर और शकुन विमान की संरचना।
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