top of page

Gyan vigyan sangam

" पुरातन युग में ज्ञान-विज्ञान का संगम "

Gyan Vigyan Sangam Logo
Menu
Yellow background

महर्षि नागार्जुन की महानता

Father of Chemical Sciences
महर्षि नागार्जुन

Click Here to Play Audio

00:00 / 05:01
Background
Vedic Background
Ancient Background
Vedic Background

महर्षि नागार्जुन, भारतीय रसायन शास्त्र एवं रसायन विज्ञान के क्षेत्र में एक महान प्राचीन विद्वान थे। उनका योगदान रसायनिक विज्ञान को आधुनिक युग में भी प्रेरित करता है।

महर्षि नागार्जुन के योगदान:

1. रसायन शास्त्र में योगदान:

   महर्षि नागार्जुन ने रसायन शास्त्र के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण रचनाएं और सिद्धांत प्रस्तुत किए। उनके ग्रंथों में रस, धातु, और उपादनों के बारे में अद्वितीय ज्ञान मिलता है।

2. आयुर्वेद में योगदान:

   महर्षि नागार्जुन ने आयुर्वेद के क्षेत्र में भी अपनी शिक्षाएं दी और औषधियों के संबंध में ज्ञान प्रस्तुत किया।

 

महर्षि नागार्जुन की रचनाएँ:

"रसरत्नाकर" (ग्रंथ):

  महर्षि नागार्जुन का अद्वितीय ग्रंथ "रसरत्नाकर" है, जिसमें वे रस, धातु, और रसायनिक प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से विचार करते हैं।

~ महर्षि नागार्जुन के ग्रंथ से कुछ श्लोक एवं उनके अर्थ:

श्लोक:     

यथा कुंजरप्रस्तारे सौवर्चं विद्युतो यथा।

तथा रसायनादौ तु सिद्धिः कार्या यथाविधि॥

अर्थ:

"जैसे हाथी के माथे से, पानी के स्थल से विद्युत उत्पन्न होता है, या जैसे सौवर्चं (crystal) से प्रकाश उत्पन्न होता है, ठीक इसी प्रकार, रसायन प्रक्रियाओं में सफलता को विधिपूर्वक प्राप्त करना चाहिए।"

 

यह श्लोक इस विचार को व्यक्त करने के लिए उपमाओं (रूपक) का प्रयोग करता है कि बिजली या प्रकाश की अभिव्यक्ति के समान रसायनिक प्रक्रियाओं में सफलता सावधानीपूर्वक और उचित प्रक्रियाओं के माध्यम से प्राप्त की जाती है।

 

श्लोक: 

सर्वं द्रव्यं यथा दोषैः संस्कार्यं रसरूपता।

तथा तत्त्वे स्वकर्माणि संस्कुर्वीतादौ पुरुषः॥

अर्थ:

"जैसे सभी द्रव्य दोषों को हटाकर शुद्ध होते हैं, ठीक इसी प्रकार, व्यक्ति को अपने कार्यों को शुद्ध करने के लिए स्वयं को शुद्ध करना चाहिए।"

यह श्लोक रसायनशास्त्र में द्रव्यों की शोधन प्रक्रिया और जीवन में अपने कार्यों के सुधार के बीच समीकरण बिठाता है। आत्मा की शुद्धि के महत्व को बताकर आध्यात्मिक और रसायनिक लक्ष्यों की पूर्वाग्रह में आंतरिक शुद्धि महानता को संज्ञान में लेता है।

  

आधुनिक रसायन विज्ञान में महर्षि नागार्जुन का योगदान:

महर्षि नागार्जुन के सिद्धांतों ने आधुनिक रसायन विज्ञान को भी प्रेरित किया है। उनके ग्रंथों में रसायनिक प्रक्रियाओं, उपादानों, और उपचार विधियों के ज्ञान से आधुनिक रसायन शास्त्र को भी नई दिशाएँ मिली हैं।

रसायन विज्ञान में आधुनिक साक्षात्कार:

महर्षि नागार्जुन के सिद्धांतों ने रसायन विज्ञान को सुधारा और आधुनिक युग में भी उनके सिद्धांत वैज्ञानिकों को प्रेरित करता है। उनके रसायनिक ग्रंथों ने आधुनिक रसायन शास्त्र को नए आयाम दिए हैं और उनके सिद्धांतों के आधार पर ही आज विभिन्न रसायनिक अध्ययन और अनुसंधान हो रहे हैं।

महर्षि नागार्जुन का योगदान रसायन शास्त्र और विज्ञान में अत्याधिक महत्वपूर्ण है और उनके ग्रंथों ने समृद्धि के साथ-साथ आधुनिक रसायन विज्ञान को नई दिशाएँ दिखाई हैं।

महर्षि नागार्जुन के आयुर्वेद में योगदान

महर्षि नागार्जुन, आयुर्वेद के क्षेत्र में एक महान योगी और वैद्य थे। उनका योगदान आयुर्वेदिक चिकित्सा शास्त्र में अद्वितीय है। उनके ग्रंथों में व्याकरण, चिकित्सा, और सिद्धांतों का अद्वितीय समन्वय है जिससे उनका योगदान आज भी चिकित्सा विज्ञान में महत्वपूर्ण है।

महर्षि नागार्जुन के आयुर्वेद सिद्धांत ने आधुनिक आयुर्वेद को नई दिशाएँ दिखाई हैं। उनके दृष्टिकोण ने योग्य और सौंदर्यपूर्ण जीवन जीने के लिए कुछ भिन्न तरीको को प्रस्तुत किए हैं और उनके विचारों का आधुनिक आयुर्वेद में भी महत्वपूर्ण स्थान है।

महर्षि नागार्जुन के आयुर्वेद सिद्धांत ने चिकित्सा विज्ञान को एक नए दर्शनीय संदर्भ में स्थापित किया है, और उनके ग्रंथों से आज भी वैज्ञानिकों को प्रेरणा और विद्या मिल रही है।

महर्षि नागार्जुन ने रसायन विज्ञान मे ना जाने कितने ही चमत्कार प्रतीत होने वाले वैज्ञानिक प्रयोग किए है। वह उस समय धातु के गुण बदल सकते थे। एवं मिश्र धातु बनाने की विधियाँ इस विश्व को देने वाले वह प्रथम वैज्ञानिक है। उन्होंने अपने आयुर्वेद और रसायणिक ज्ञान से चिकित्सा के क्षेत्र मे औषधियों के माध्यम से अति महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे तो स्वर्ण निर्माण (gold making) की विधि के भी जनेता है। ऐसे महान वैज्ञानिक एवं चिकित्सक, महर्षि नागार्जुन को हमारा शत शत वंदन।

Untitled design_edited.jpg
bottom of page