
Gyan vigyan sangam
" पुरातन युग में ज्ञान-विज्ञान का संगम "
Menu

भास्कराचार्य II की महानता
Father of Algebraic Mathematics





भास्कराचार्य II, भारत के महान गणितज्ञ और वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिनका योगदान गणित, खगोल, और वैज्ञानिक शास्त्रों में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। उनकी विचारशीलता और आविष्कारों ने भारतवर्ष को गौरांगित किया है।
भास्कराचार्य II के योगदान:
1. बीजगणित (Algebra):
भास्कराचार्य ने बीजगणित में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने बीजगणित के क्षेत्र में नए सिद्धांत और विधियाँ प्रस्तुत की जो बाद में आधुनिक गणित की नींव बनी।
2. बीजगणितीय रीतियाँ (सूत्र):
भास्कराचार्य ने अपने ग्रंथ "सिद्धांत शिरोमणि" में बीजगणित के कई सूत्र प्रस्तुत किए, जो अद्वितीय गणितीय रीतियों का आधार बने।
3. खगोल शास्त्र (अंकगणित):
भास्कराचार्य ने अपने ग्रंथ "सिद्धांत शिरोमणि" में खगोल शास्त्र के क्षेत्र में भी अपनी शिक्षा और आविष्कारों के माध्यम से आपात गणना, सूर्यग्रहण, और अन्य खगोलीय विषयों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भास्कराचार्य की रचनाएँ:
बिजगणित से संबंधित संस्कृत श्लोक, जो भास्कराचार्य II के ग्रंथ 'बीजगणिता' से हैं:
बीजं गणितस्य सर्वस्य यदुक्तं गुरुतल्पजित्।
तद्वज्जातं यदन्यत्र स्यात्तत्सर्वं निष्फलम्॥
अनुवाद:
"यदि आप किसी समीकरण का वर्गमूल निकालना चाहते हैं, तो उस समीकरण के स्थायी सदस्य और वर्ग सदस्य के गुणज के गुणफल का वर्गमूल निकालें, जो समीकरण के पहले घातीय सदस्य के साथ जोड़ें या घटाएं, तो फिर जो आता है, वह कहीं अन्यथा विफल है।"
In English:
"The square root of the product of the constant term and the coefficient of the square term, when added or subtracted with the coefficient of the first-degree term, gives the result that is futile elsewhere."
यह श्लोक प्राचीन भारतीय गणित में व्याकुल समीकरणों से संबंधित बीजगणित के अवधारित सिद्धांतों को प्रतिबिम्बित करता है।
-
आधुनिक गणित और विज्ञान में भास्कराचार्य का योगदान:
भास्कराचार्य के योगदान ने आधुनिक गणित और विज्ञान को भी प्रेरित किया है। उनके ग्रंथों में दिए गए अल्जेब्रा, खगोल, और अंकगणित के सिद्धांतों ने आज भी वैज्ञानिकों को मार्गदर्शित किया है।
गणित एवं विज्ञान में आधुनिक साक्षात्कार:
भास्कराचार्य के सिद्धांतों ने गणित और विज्ञान में आधुनिक साक्षात्कार को प्रोत्साहित किया है। उनके अल्जेब्रा और खगोल शास्त्र के सिद्धांत आज भी अध्ययन किए जा रहे हैं और इससे ही आधुनिक गणित और विज्ञान में नई दिशाएँ खुल रही हैं।
भास्कराचार्य का योगदान गणित, खगोल, और वैज्ञानिक शास्त्रों में अद्वितीय है और उनके सिद्धांतों ने आज भी विश्व भर में गणितीय और वैज्ञानिक समृद्धि में योगदान किया है।
ऐसे महान गणितज्ञ एवं खगोल शास्त्री, आचार्य भास्कर को हमारा शत शत वंदन।
