top of page

Gyan vigyan sangam

" पुरातन युग में ज्ञान-विज्ञान का संगम "

Gyan Vigyan Sangam Logo
Menu
Ancient Background

आचार्य चाणक्य: भारतीय राजनीति शास्त्र के जनेता

Father of Politics and Economy
Chanakya

Click Here to Play Audio

00:00 / 04:08
Background Image
Background Image
Background Gradient
Ancient page

अर्थशास्त्र में उल्लिखित कृषि पद्धतियाँ

wall artifacts

Click Image to Learn more 

योगदान 

भारतीय इतिहास में श्री विष्णु गुप्त, जिन्हे आचार्य चाणक्य भी कहा जाता है, उनका स्थान अद्वितीय है । उन्होंने अपने क्रांतिकारी दृष्टिकोण और अद्वितीय योजनाओं के साथ राष्ट्र को महान और अखंड बनाने का मार्ग प्रदर्शित किया। एक छोटे से बालक की योग्यता परख, उसे अखंड भारत का उद्देश्य साकार करने हेतु तैयार किया और उनके मार्गदर्शन ने उस बालक को सम्राट के रूप में प्रस्थापित किया... वही बालक को इतिहास सम्राट "चंद्रगुप्त मौर्य" के नाम से जानता है।

आचार्य चाणक्य के योगदान:

1. अर्थशास्त्र और नीति सूत्र: आचार्य चाणक्य ने 'अर्थशास्त्र ' और 'नीति सूत्र' जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों के माध्यम से राजनीति, आर्थिक व्यवस्था और सामाजिक न्याय की महत्वपूर्ण बातें बताई है। उनकी राजनीतिक दक्षता और विचारशीलता के कारण, वे 'कौटिल्य' के नाम से भी जाने जाते है।

2. चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य ने 'चाणक्य नीति' में सत्य, धर्म और योग्यता के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को साझा किया। उनकी नीतियां आज भी एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन हैं और लोग उन्हें अपने जीवन में अनुसरण करते हैं।

3. राजनीतिक दक्षता: आचार्य चाणक्य ने मौर्य वंश को स्थाई रूप से स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई और सम्राट चंद्रगुप्त के पश्चात सम्राट बिन्दुसार एवं चक्रवर्ती सम्राट अशोक को भी मार्गदर्शीत किया। उनकी राजनीतिक रणनीतियां आज भी अध्ययन के प्रमुख क्षेत्र में हैं।


आधुनिक विज्ञान और युवा पीढ़ी के लाभ:

1. राजनीतिक रणनीति में उपयोग: आचार्य चाणक्य की रचनाओं ने आधुनिक राजनीतिक रणनीति में भी उपयोगकर्ताओं को मार्गदर्शित किया है। उनके सिद्धांतों ने नेताओं और युवा पीढ़ी को आत्म-निर्भर बनने का सार्थक उपदेश दिया है।

2. व्यावसायिक विचारशीलता: आचार्य चाणक्य की व्यावसायिक विचारशीलता में भी शिक्षाएं हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र के माध्यम से आर्थिक प्रबंधन, व्यापारिक नीतियों और वित्तीय योजनाओ को स्थापित करने के लिए विचारशीलता प्रदान की। इससे आधुनिक व्यावसायिक स्थायिता में सुधार हुआ है और व्यवसायिक समृद्धि में मदद की गई है।

3. योग्यता की महत्वपूर्णता:

आचार्य चाणक्य का उल्लेखनीय सिद्धांत है - "अस्त्राय पुत्रदारस्य धनयस्यैव निर्दारयेत्"।

इससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने चाणक्य नीति के माध्यम से योग्यता को महत्वपूर्ण बनाया है। आधुनिक युवा पीढ़ी भी इस सिद्धांत से प्रेरित हो कर अपनी क्षमताओं को बढ़ाती है और अच्छे परिणाम प्राप्त करती है।

आचार्य चाणक्य का योगदान न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि उनके सिद्धांतों ने आज भी समाज, व्यावसाय और राजनीति में अपना महत्व साबित किया है। उनकी शिक्षाओं और नीतियों का पालन करके आधुनिक समय के लोग भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
 

आचार्य चाणक्य का योगदान न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि उनके सिद्धांतों ने आज भी समाज, व्यावसाय और राजनीति में अपना महत्व साबित किया है। वह अपने समय के अति उत्कृष्ट अर्थशास्त्री थे। भारत की अर्थव्यवस्था, कृषि (agriculture) पर टिकी है वह उन्हे ज्ञात था। और इस वजह से उन्होंने कृषि पद्धतियों मे भी अपना योगदान दिया। उन्होंने धातु शस्त्र एवं मिश्र धातु का भी जिक्र अपने अर्थशास्त्र मे किया है। उनकी शिक्षाओं और नीतियों का पालन करके आधुनिक समय के लोग भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे महान गुरु, राजनीतिज्ञ, एवं अर्थशास्त्री, आचार्य चाणक्य को हमारा शत शत वंदन।

Untitled design_edited.jpg
bottom of page