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योगदानकर्ता: भास्कराचार्य द्वितीय (बीजगणित के जनक)
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समय अवधि: 12वीं शताब्दी ई.पू
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स्थान: भारतवर्ष
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विवरण: भास्कराचार्य, एक भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे जिन्होंने बीजगणित में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक "बीजगणित", बीजगणितीय तकनीकों (algebraic techniques) पर एक व्यापक ग्रंथ है, जिसमें द्विघात, घन और उच्च-क्रम बहुपद समीकरणों के समाधान शामिल हैं।
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साक्ष्य:
बीजगणितीय अवधारणाओं को दर्शाने वाले ग्रंथ "बीजगणित" के सबसे प्रसिद्ध छंदों में से एक है:
“गुणां गुणार्धं त्रिगुणान्तं द्विगुणान्तं च योजयेत्।
स्वनिधिर्लब्ध्वा चान्यत्र कुत्रापि न व्यसेद्गणः॥”
स्पष्टीकरण:
इसमें कहा गया है कि दो कारकों के उत्पाद का योग, आधा उत्पाद, तिगुना उत्पाद और दोहरा उत्पाद एक साथ जोड़ा जाना चाहिए। इसके अलावा, यह धन के संरक्षण की अवधारणा पर जोर देता है, जिसमें कहा गया है कि किसी का धन कहीं और स्थानांतरित होने पर कम नहीं होना चाहिए। यह श्लोक भास्कराचार्य द्वितीय की बीजगणितीय संक्रियाओं और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों की गहन समझ को प्रदर्शित करता है।
ऐल्जब्रा और बीजगणित के बीच संबंध: भास्कराचार्य का "बीजगणित" एक ऐतिहासिक कार्य के रूप में खड़ा है, जो बीजगणितीय तकनीकों का एक व्यवस्थित और कठोर उपचार प्रदान करता है। उनके योगदान में अनिश्चित समीकरणों को हल करने के तरीके, बहुपद समीकरणों की जड़ें खोजने के लिए कलन विधि (Algorithm) और संख्याओं के गुणों पर चर्चा शामिल हैं। भास्कराचार्य के कार्य ने भारत और विश्वभर के गणितज्ञों को प्रभावित किया और बीजगणितीय ज्ञान के विकास और प्रसार में योगदान दिया।
निष्कर्ष: भास्कराचार्य की "बीजगणित" बीजगणितीय विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका दर्शाती है। उनके व्यवस्थित दृष्टिकोण और व्यावहारिक तरीकों ने दुनिया में बीजगणितीय अध्ययन की नींव रखी और दुनिया भर के गणितज्ञों के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य किया। बीजगणित की आधुनिक समझ में भास्कराचार्य के योगदान का अध्ययन और सराहना जारी है। ऐसे महान गणितज्ञ… गुरु श्री भास्कराचार्य को हमारा शत शत वंदन।
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योगदानकर्ता: अल-ख्वारिज्मी
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समय अवधि: 9वीं शताब्दी ई.पू
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स्थान: बगदाद (वर्तमान इराक)
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विवरण: ऐल्जब्रा, गणित की एक शाखा है जो समीकरणों को हल करने और गणितीय संरचनाओं को समझने के लिए प्रतीकों और उन प्रतीकों में हेरफेर करने के नियमों से संबंधित है। इसमें समीकरण, बहुपद, फलन और गणितीय अभिव्यक्ति जैसे विभिन्न विषय शामिल हैं।
अल-ख्वारिज्मी
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प्राचीन विज्ञान: बीजगणित
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आधुनिक विज्ञान: ऐल्जब्रा